
मुझे अर्जुन और पक्षी की आंख की कहानी दिखाएं। एक दिन, गुरु द्रोनाचार्य अपने छात्रों की ध्यान की परीक्षा करना चाहते थे। उन्होंने एक लकड़ी का पक्षी एक पेड़ पर उच्च लगाया और सभी राजाओं को बुलाया। उन्होंने कहा, "बच्चे, अपने बांधन और बाणों के साथ तैयार हो जाओ। आपका लक्ष्य पक्षी की आंख है।" प्रत्येक छात्र एक-एक करके आगे आया। द्रोना ने कहा, "मुझे बताएं, आप क्या देखते हैं?" एक ने कहा, "मैं पेड़, पक्षी और मेरे दोस्त देखता हूँ।" दूसरे ने कहा, "मैं आसमान, शाखाओं और पक्षी देखता हूँ।" द्रोना अपने सिर झुका दिया। "नहीं, पीछे कदम रखो।" अंत में, अर्जुन आगे आया। द्रोना ने कहा, "अर्जुन, आप क्या देखते हैं?" अर्जुन ने कहा, "मैं केवल पक्षी की आंख देखता हूँ।" द्रोना मुस्कराया, "तो चलो (शूट करो)।" अर्जुन ने बाण छोड़ा। यह पक्षी की आंख को पूरी तरह से मारा। कहानी का मoral: अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें, जैसे अर्जुन ने। ध्यान की कमी से आपको सफल होने से रोकने दो।